16 मई 2025 की शाम को सोने की कीमतों में एक बार फिर हल्की गिरावट देखने को मिली। इस दिन सोने ने ₹92,728 का निचला स्तर और ₹93,027 का उच्च स्तर छुआ। यद्यपि यह गिरावट 1% से भी कम रही, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी इस गिरावट के रुझान ने निवेशकों के मन में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। बीते महीने सोने की कीमतें ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंच गई थीं, जिससे निवेशकों में भारी उत्साह देखा गया था। परंतु अब स्थिति में बदलाव आता दिख रहा है।
गिरावट के प्रमुख कारण
सोने की कीमतों में हो रही गिरावट के पीछे कई महत्वपूर्ण वैश्विक कारक हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जो अंतरराष्ट्रीय कारक पहले सोने को सहारा दे रहे थे, वे अब कमजोर पड़ते जा रहे हैं। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौते की संभावना बढ़ने से बाजारों में स्थिरता आ रही है। इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति वार्ता की उम्मीदें और ईरान संकट में कमी आने से भी वैश्विक अनिश्चितता में गिरावट आई है। इन सभी कारकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो अस्थिरता थी, उसमें कमी आई है, जो पहले सोने की कीमतों को ऊपर बनाए रखने में सहायक थी।
आगे की संभावनाएं
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान स्थिति में सोने के उच्चतम स्तर से 10-12% का करेक्शन देखा जा सकता है। इसका मतलब है कि सोने के दाम ₹88,000 से ₹90,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकते हैं। यह संभावना इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं और विभिन्न देशों के बीच तनाव कम होने लगा है। हालांकि, बाजार में अचानक होने वाले बदलावों को ध्यान में रखना भी जरूरी है, क्योंकि कोई भी नया संकट सोने की कीमतों में तेजी ला सकता है।
निवेशकों के लिए रणनीति
सोने में निवेश किए हुए या निवेश करने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह समय विशेष सावधानी का है। दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का अच्छा अवसर हो सकता है। जब सोने की कीमतें कम होती हैं, तब निवेश करके लंबे समय में अच्छा लाभ उठाया जा सकता है। वहीं, जिन लोगों ने हाल ही में उच्च स्तर पर निवेश किया है, उन्हें फिलहाल बाजार पर नजर रखने और जल्दबाजी से बचने की सलाह दी जा रही है। अल्पकालिक निवेशकों के लिए थोड़ा इंतजार करना बेहतर हो सकता है, क्योंकि निकट भविष्य में और गिरावट की संभावना है।
बाजार की निगरानी कैसे करें
सोने में निवेश से पहले बाजार की स्थिति को समझना अत्यंत आवश्यक है। वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक घटनाओं पर लगातार नजर रखें, क्योंकि ये सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं। अमेरिकी डॉलर की स्थिति, विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में किए जाने वाले बदलाव, और कमोडिटी मार्केट के रुझान भी सोने की दिशा तय करते हैं। निवेश करने से पहले वित्तीय विशेषज्ञों की सलाह लेना और स्टॉप लॉस जैसे सुरक्षा उपाय अपनाना भी महत्वपूर्ण है।
सोने का महत्व बरकरार
इन सब के बावजूद, सोना निवेश का एक पसंदीदा विकल्प बना रहता है। वैश्विक अनिश्चितता के समय में सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जिसका मूल्य लंबे समय में आमतौर पर बढ़ता ही है। महंगाई और मुद्रा मूल्य में गिरावट के समय सोना आपके निवेश पोर्टफोलियो को संतुलित रखने का काम करता है। इतिहास गवाह है कि सोने ने दशकों से निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है और यह परंपरा भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है।
वर्तमान में सोने की कीमतों में आ रही गिरावट अस्थायी प्रतीत होती है। बाजार में उतार-चढ़ाव होना सामान्य है, और यह समय निवेशकों के लिए अपनी रणनीति को पुनः आकार देने का अवसर हो सकता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि धैर्य रखें और बाजार की स्थिति का सावधानीपूर्वक विश्लेषण करके ही कोई निर्णय लें। लंबे समय में देखें तो सोना अभी भी एक सुरक्षित और आकर्षक निवेश विकल्प बना हुआ है।